मेम्बर बने :-

मित्र मंडली 40 to 51

इस पोस्ट में मेरे ब्लॉग के फॉलोवर/अनुसरणकर्ता के हिंदी पोस्ट के लिंक के साथ उस पोस्ट के प्रति मेरी भावाभिव्यक्ति सलंग्न रहती है। पोस्ट का चयन साप्ताहिक आधार पर होता है।

मित्र-मंडली प्रकाशन का उद्देश्य मेरे मित्रों की रचना को ज्यादा से ज्यादा पाठकों  तक पहुँचाना है। 

आप सभी पाठकगण से निवेदन है कि दिए गए लिंक के पोस्ट को पढ़ कर टिपण्णी के माध्यम से अपने विचार जरूर लिखें। यकीं करें ! आपके द्वारा दिया गया विचार लेखकों के लिए अनमोल होगा।  

प्रार्थी 

राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"
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पुराने मित्र मंडली अंक 1 से  39 देखने के लिए क्लिक करें। 

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मित्र मंडली -51 
इस सप्ताह के सात रचनाकार 

श्वेता सिन्हा जी 

"शिद्दत  से चाहना तो  बस में है परन्तु उनकी यादों को हम कहाँ मिटा पाते हैं। सुन्दर भाव पूर्ण प्रस्तुति।  "


कविता  रावत जी 


"बाल सुलभ कविता लिखना  इंगित करता है  कि अभी भी अंदर  बच्चा जैसा दिल ज़िन्दा  है।  सुन्दर  प्रस्तुति  । "  

आनन्द प्रेम का...

यशोदा अग्रवाल 

"प्रेम अपरिभाषित है परन्तु शाश्वत भी है। इसके बिना सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती। इसी कथनी को पुनः स्थापित करती सुन्दर कविता।  "  

कविता वह मकरंद है.....

मीना शर्मा जी 

उम्र के छलावे ...

दिगम्बर नसवा  जी 

सुशील कुमार जोशी  जी 

विप्रलब्धा

पुरषोत्तम कुमार सिन्हा जी 


आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 15-01-2018  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....
मेरी दो प्रस्तुति  : 






http://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/01/blog-post.html




मित्र मंडली -50 
इस सप्ताह के सात रचनाकार 

ना जाने कितने मौसम बदलेंगे.....


यशोदा अग्रवाल 

"जीवन अनिश्चितता के सिद्धांत पर चलता है और  इसी को स्वीकार कर हँसते और खुशियाँ बाँटते जीवन व्यतीत करना चाहिए। सुन्दर सीख देती कविता । "  

"दुनियादारी"

मीना भारद्वाज  जी 

"समझदार होना कभी-कभी मानसिक पीड़ा दे जाती है और मन सोचता  है कि हम बच्चों जैसा व्यवहार क्यों नहीं करते जिसमें भाई-चारा एवं शान्ति है।  सुन्दर प्रस्तुति। "  


साल अठरवां लागा रे

"अठारहवां  साल व्यस्क होने का सूचक है और इसी सन्दर्भ में अपनी हालात और जिम्मेदारी की जायजा लेती सुन्दर कविता।   सुन्दर प्रस्तुति। "

 हैप्पी क्रिसमस मेरी क्रिसमस जैसे कह रहे हों राम ईसा मसीह से आज कुछ ऐसी सोच जगायें

यूँ समय सरकता जाता है

विश्व मोहन जी

बचा कर के टांगें निकलना पड़ेगा ...

आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 08-01-2018  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....
मेरी दो प्रस्तुति  : 



Renu





1 week ago  -  Shared publicly
 
 
आदरनीय राकेश जी -- सादर , सस्नेह अभिवादन और मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाये | सबसे पहले क्षमा प्रार्थी हूँ कि मित्र मण्डली के इस साल के सबसे पहले आयोजन में अपनी रचना लिए जाने के बावजूद मैं अनुपस्थित रही | निजी मजबूरियों की वजह से १ से १२ तारीख तक मैं ऑनलाइन ना आ सकी | पर मुक्झे बहुत ख़ुशी है कि इस वर्ष के सबसे पहले संकलन के लिए मेरी रचना को चुना गया | मित्र मण्डली के सहयोग से मेरे ब्लॉग की रचनाएँ बहुत बड़े पाठक वर्ग की नजरों से गुजरीं | हार्दिक आभार आपको | आशा है इस वर्ष भी ये सहयोग और स्नेह का रिश्ता बना रहेगा |
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सुशील कुमार जोशी (SKJoshi) via Google+





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
वाह सुन्दर प्रस्तुति । नववर्ष की मंगलकामनाएं सभी के लिये ढेर सारी। आभार 'उलूक' के भावुक पलों को साझा करने के लिये ।
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Meena Bhardwaj





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
बेहतरीन संकलन . सभी‎ रचना‎कारों को बधाई एवं‎ नववर्ष की शुभ‎कामनाएँ . मेरी रचना‎ को संकलन में स्थान‎ देने के लिए‎ बहुत बहुत‎ धन्यवाद .आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभ‎कामनाएँ राकेश कुमार‎ जी .
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Vishwa Mohan





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
सुहाने सफर के इस स्वर्णिम पड़ाव पर आपका हार्दिक अभिनंदन और इस प्रवाह की चिरंतनता की मंगल कामनाएं। नए साल की शुभकामनायें!!!
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Dhruv Singh (एकलव्य)





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
आदरणीय राही जी आपके अथक परिश्रम को नमन है। आप जैसे बुद्धिजीवियों की साहित्य समाज को आवश्यकता है। अभी आप से बहुत कुछ सीखना शेष है। आभार
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Ravindra Singh Yadav





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
बेहतरीन लिंक संयोजन नव वर्ष और पचासवें मित्र-मंडली अंक के प्रकाशन के अवसर पर।

बधाई आदरणीय राही जी.

सभी को नव वर्ष की मनगलकामनाएँ।
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सुशील कुमार जोशी (SKJoshi)





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
वाह सुन्दर प्रस्तुति । नववर्ष की मंगलकामनाएं सभी के लिये ढेर सारी। आभार 'उलूक' के भावुक पलों को साझा करने के लिये ।
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बेहतरीन लिंक संयोजन नव वर्ष और पचासवें मित्र-मंडली अंक के प्रकाशन के अवसर पर।

बधाई आदरणीय राही जी.

सभी को नव वर्ष की मनगलकामनाएँ।
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Kavita Rawat





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
बहुत अच्छी प्रस्तुति
आपका नववर्ष मगलमय हो!
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shakuntla shaku





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
अतिसुन्दर प्रस्तुति
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yashoda agrawal





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
वाह...
छः रचनाएँ...
एक से बढ़कर एक...
लाजवाब चयन..
दाद देती हूँ आपकी सृजनात्मक क्षमता को
आभार...
सादर....
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Pammi Singh





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
लाजवाब प्रस्तुति..
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sweta sinha





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
बहुत सुंदर सराहनीय रचनाओं का गुलदस्ता तैयार किया है आपने राकेश जी, हमेशा की तरह लाज़वाब प्रस्तुति। रचनाओं के साथ संलग्न आपके विचार विशेष रूप से आकर्षित करते हैं। नववर्ष की अंत शुभकामनाएँ मेरी स्वीकार करें।
मित्र मंडली उत्तरोत्तर यशस्वी हो यही कामना है।
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Dr.pratibha sowaty





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
शानदार प्रस्तुति ! शामिल करने के लिए आभार आदरणीय :)
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Team Book Bazooka





3 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
Happy New year mam

Publish your lines in book format with us: http://www.bookbazooka.com/
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मित्र मंडली -49 

इस सप्ताह के सात रचनाकार  

तुम्हारा मौन --- कविता --

http://renuskshitij.blogspot.in/2017/12/blog-post.html
रेणु  बाला जी  
"पुरुष और प्रकृति के संबंधों को स्वीकारती और "इस से विमुख हो कर जीवन नहीं है" के सिद्धांत को समझाकर जीवन जीने का सन्देश देती सुन्दर मुक्त कविता । सुन्दर प्रस्तुति। 

दो बालगीत

मीना शर्मा जी 

कविता "शीत की बयार है"

राधा तिवारी  जी  

यह जिंदगी

अनु अन्न लागुरी  जी 

"मानवता के धर्म को सर्वोपरि मानती एवं संवेदनशीलता को न खोकर, जीवन जीने की सन्देश देती सुन्दर कविता। "

इश्वर और मैं

रिंकी राउत  जी 

"सर्वधर्म समभाव एवं सर्वे भवन्तु सुखिनः के साथ जीवन जीने की सन्देश देती सुन्दर कविता। "

सूरज तुम जग जाओ न

श्वेता सिन्हा जी 

"सूरज को इस सर्द मौसम में जगाने के लिए मासूम मनुहार करती सुन्दर कविता और इसी प्रकार अगर हम अपने अंदर छिपे सूरज को भी मनुहार कर जगाए और तेज़ बिखेरे तो समाज का भी भला हो । "

रो रही हैं आज क्यों फिर पुतलियाँ ...

आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 01-01-2018  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....
मेरी दो प्रस्तुति  : 
1. फोटोग्राफी : पक्षी 40 (Photography : Bird 40 )







2. परिवेश




Meena Sharma








4 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
बहुत बहुत आभार आदरणीय राकेशजी । बेहतरीन रचनाओं का संकलन । सादर।
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Happy new year Meena Sharma

+Harsh Wardhan Jog sir Happy new year

अनीता लागुरी (अनु)








4 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
जी धन्यवाद राकेश जी, मेरी रचना को स्थान देने केलिए...इस गुजरते हुए साल के साथ आपकी सम्मानित मंडली में शामिल होना वाकई सुखद अहसास दे गया...प्रयास करुंगी आने वाले साल भी आपकी मंडली में शामिल होती रहुं..सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं नववर्ष की शुभकामनाएं...!!
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Digamber Naswa








4 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
सुन्दर लिंक्स हैं ...
आभार मुझे भी शामिल करने का इस चर्चा में ...
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Dhruv Singh (एकलव्य)








4 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
आदरणीय राही जी आपके प्रयास को नमन है।
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Ravindra Singh Yadav








4 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
अत्यंत सराहनीय प्रस्तुति आदरणीय राही जी आपकी। मित्र मंडली के इस अंक में चयनित सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
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Renu








4 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
आदरणीय राकेश जी -- सस्नेह अभिवादन | मित्र मंडली की जाते साल की अंतिम प्रस्तुति और उसमे मेरी रचना को स्थान मिला -- ये बात बहुत ही अभिभूत करने वाली है | आज के संकलन की सभी रचनाएँ बहुत ही सार्थक और संवेदनशील हैं तो उनके मर्म को विस्तार देते आपके शब्द अनुपम हैं | आदरणीय बहन मीना जी की बाल मन को मोहती रचनाएँ हम बड़ों के मन को भी सहज ही भा गयी -- तो आदरणीय बहन राधाजी की शीत की बयार अनुपम है | प्रिय बहन अनू और श्वेता जी रचनायें भी बहुत हे हृदयस्पर्शी और अनोखी हैं | ईश्वर और मानव के अध्यात्मिक गूढ़ रिश्ते को परिभाषित करती बहन रिंकी रावत जी की अनुपम पंक्तियाँ कहती हैं कि दूसरों के प्रति सद्भावना रखना ही इश्वर की सर्वोत्तम आराधना है | बेहद प्रासंगिक और उल्लेखनीय रचना है | और आदरणीय दिगंबर जी की रचनाएँ तो किसी सराहना की मोहताज नहीं | वे हमेशा हे बेहद उम्दा और सार्थक लिखते है | आज के आयोजन के सभी रचनाकार साथियों को हार्दिक बधाई और नव वर्ष की मंगलकामनाएं | विदा होते साल से मेरी कई भावपूर्ण यादे जुडी रहेगी | इनमेसे एक मित्र मण्डली द्वारा मेरी रचनाओं को महत्व देना भी रहेगा | इसमें शामिल हो मेरी रचनाएँ बड़े पाठक वर्ग तक पहुंची हैं | इसके लिए आपको आभार लहूँ तो पर्याप्त ना होगा | बस आशा करती हूँ नए साल में भी ये सहयोग और स्नेह बना रहेगा | आपको सपरिवार नवर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं | दुआ है मित्र मण्डली की अनगिन महफिले सजती रहें और साहित्य को सद्भावना से जोड़ सौहार्द का नया आलोक फैलाती रहें |
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sweta sinha








4 weeks ago  -  Shared publicly
 
 
सुंदर रचनाओं का संकलन हमेशा की तरह बेहतरीन.अंक आदरणीय राकेश जी,कविता के साथ लिखे विचार बहुत पसंद आये।अत्यंत आभार आपका।
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मित्र मंडली -48      

 इस सप्ताह के सात रचनाकार 

सारा सब कुछ अभी ही लिख देगा क्या माना लिख भी लेगा तो आगे फिर लिखने के लिये कुछ भी नहीं बचेगा क्या ?

सुशील कुमार जोशी  जी 


'छोटू' साहित्यकार

ध्रुव सिंह जी

या फिर हमें भी इक चराग़ लेने दो ...

दिगम्बर नसवा  जी 

एक जनाजा निकला है बिन मौसम का .........

क्षणिकाएं

कैलाश शर्मा जी 

कत्ल

पुरषोत्तम कुमार सिन्हा जी 

"अपनी भावनाओं को कुचल कर दुनियादारी की राह पर चलने की वेदना को शिद्दत से महसूस कराती कविता।  सुन्दर भावाभिव्यक्ति।"

ओस की बूंदों से

लोकेश नशीने जी 

आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 25-12-2017  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....

मेरी दो प्रस्तुति  : 

1. आत्म-स्वीकारोक्ति






















सुशील कुमार जोशी (SKJoshi) via Google+

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
बढ़िया प्रस्तुति। आभार राकेश जी 'उलूक' की डफली और उसके राग की चर्चा भी करने के लिये।
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Vishwa Mohan

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
बहुत सुन्दर संयोजन ! बधाई!!!!
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Ravindra Singh Yadav

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
विचारणीय प्रस्तुति आदरणीय राही जी। बधाई एवं धन्यवाद।
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Prakash Sah

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
मुझे पुरषोत्तम कुमार सिन्हा जी की रचना 'कत्ल' बहुत बढीया लगा।
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Dhruv Singh (एकलव्य)

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
आदरणीय राही जी सर्वप्रथम आपको बहुत -बहुत धन्यवाद देता हूँ, मेरी व्यंग विधा को स्थान देने हेतु। आपका यह कार्य बड़ा ही सराहनीय है कि बिना किसी भेद -भाव को ध्यान में रखते हुए आप साहित्य समाज के उत्थान हेतु प्रयासरत हैं। 'छोटू' साहित्यकार मेरी पहली व्यंग विधा में लिखी आलोचना है। आशा है आपका यह सहयोग भविष्य में भी मिलता रहेगा। इन्हीं शब्दों के साथ सप्रेम शुभकामनायें आपको।
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छोटू साहित्यकार और उनके प्रेरणा पुंज सेठजी को बधाई!!!










Renu

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
आदरणीय सुशील जी के ब्लॉग पर अक्सर मेरी टिपण्णी नहीं जाती --- आज भी नहीं गयी -- मायूस हूँ | यहीं से उन्हें सुंदर सार्थक रचना के लिए बधाई देती हूँ | सादर --
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Renu

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
बहुत ही सुंदर संयोजन है आदरणीय राकेश जी |सभी रचनाएँ सचमुच सप्ताह की श्रेष्ठ रचनाएँ है | हार्दिक बधाई और शुभकामनाये |
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Pammi Singh

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
विविधताओं से सजी सराहनीय प्रस्तुति..
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Lokesh Nashine

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
बहुत सुंदर संकलन
मुझे स्थान देने के लिये हार्दिक आभार
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Rajesh kumar Rai

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
वाह ! लाजवाब लिंक संयोजन ! मुझे शामिल करने के लिए आप का हार्दिक आभार आदरणीय ।
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sweta sinha

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
वाह्ह्...सराहनीय प्रस्तुति आदरणीय राकेश जी,विविधतापूर्ण रचनाओं से सजे आज के सतरंगी सूत्र बहुत अच्छे लगे।
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Digamber Naswa

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
सभी लिंक्स जोरदार ...
आभार मुझे शामिल करने का ...
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Meena Sharma

 1 month ago  -  Shared publicly
 
 
बहुत सुंदर प्रस्तुति । सभी रचनाएँ अलग अलग भाव, अलग रंग और छ्टा को बिखेरती हुईं ।
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बढ़िया प्रस्तुति। आभार राकेश जी 'उलूक' की डफली और उसके राग की चर्चा भी करने के लिये।
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मित्र मंडली -47      

 इस सप्ताह के नौ रचनाकार 

"फरके रोटियों की कौन पैदा करता हैं।

अनु अन्न लागुरी  जी 

जब हम बने सर्पमित्र !

मीना शर्मा जी 

उड़ चला है वक्त.....


यशोदा अग्रवाल  

कविता "तुम मेरे मम्मी-पापा हो"


राधा तिवारी  जी  

"मैं"

मीना भारद्वाज  जी 

फिर चोट खाई दिल ने ---कविता --


रेणु  बाला जी  

हाँ मैं ख़्वाब लिखती हूँ



श्वेता सिन्हा जी 

व्यर्थ का अर्थ

पुरषोत्तम कुमार सिन्हा जी 


सखी : सागर की मोती

प्रकाश साह जी

आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 18-12-2017  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....

मेरी दो प्रस्तुति  : 

1. फोटोग्राफी : पक्षी 38 (Photography : Bird 38 )




http://rakeshkirachanay.blogspot.com/2017/12/39-photography-bird-39.html

राकेश कुमार श्रीवास्तव राही shared this via Google+










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
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वाह !!बहुत खूब ।

राकेश कुमार श्रीवास्तव राही via Google+










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
मित्र मंडली -47
मित्रों , "मित्र मंडली" का सैतालीसवाँ  अंक का पोस्ट प्रस्तुत है।  इस पोस्ट में मेरे ब्लॉग के फॉलोवर्स/अनुसरणकर्ताओं के  हिंदी  पोस्ट की लिंक के साथ उस पोस्ट के प्रति मेरी भावाभिव्यक्ति सलंग्न है। पोस्टों  का चयन  साप्ताहिक आधार पर किया गया है।  इसमें  दिनां...
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Ravindra Singh Yadav










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
वाह ! विविधता से परिपूर्ण सरस रचनाओं का सुन्दर संकलन मित्र -मंडली के ताज़ा अंक में। आदरणीय राही जी आपका प्रयास रचनाकारों को मनोबल तो बढ़ाता ही है साथ में पाठकों को उत्कृष्ट सृजन की बारीकियों से भी अवगत कराता है।
इस अंक में चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
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Prakash Sah










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
फिर से मेरी रचना क 'मित्रमंडली' मे सम्मिलित करने के लिए...धन्यवाद!!
"हाँ मैं ख़्वाब लिखती हूँ" और "फरके रोटियों की कौन पैदा करता हैं" ...ने मुझे प्रभावित किया।
आप यूँ ही मित्रमंडली द्वारा ऐसी सुन्दर रचनाओं को प्रस्तुत करते रहें। धन्यवाद
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आदरणीय राकेश जी,प्रकाश जी द्वारा मिला सम्मान हृदय अभिभूत कर गया।
बहुत बहुत आभार तहेदिल से.शुक्रिया आपका प्रकाश जी।

इसके लिए आपका विशेष धन्यवाद आभार एवं शुक्रिया है राकेश जी।

जी धन्यवाद राकेश जी,प्रकाश जी द्वारा मिले स्नेह के बोल ने ह्रादिक प्रसन्नता दी..!
धन्यवाद प्रकाश जी।

Meena Bhardwaj










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
बेहद खूबसूरत एवं विविध‎ता से परिपूर्ण अत्यन्त सुन्दर संकलन .
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Meena Sharma










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
आज ही देखा। उत्तर में देर के लिए क्षमा चाहती हूँ। आपके इस मंच पर दी गई अन्य सुंदर रचनाओं को भी पढ़ा। हार्दिक धन्यवाद आपका ।
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Meena Sharma










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
बेहतरीन संकलन रचनाओं का ! मेरे संस्मरण को मित्र मंडली में स्थान देने हेतु सादर आभार !
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Renu










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
आदरणीय राकेश जी -- एक बार फिर से आपके प्रतिष्ठित लिंक संयोजन का हिस्सा बनकर मन बहुत आह्लादित है | आपको मेरा सादर सस्नेह आभार जो आपने मेरी साधारण रचना को असाधारण बना दिया | मेरी रचना के भावों को विस्तार देती रचना पर आपकी टिप्पणी के लिए आप को मेरा धन्यवाद | आज के संकलन के सभी रचनाकार साथियों को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाये |
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yashoda agrawal










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
वक्त ही तो है
उठा लेता है आसमान से भी ऊँचा
और यही वक्त पटखनी भी दे देता है
आभार राकेश भाई..
सादर
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Digamber Naswa










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
सुंदर संकलन
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वाह ! विविधता से परिपूर्ण सरस रचनाओं का सुन्दर संकलन मित्र -मंडली के ताज़ा अंक में। आदरणीय राही जी आपका प्रयास रचनाकारों को मनोबल तो बढ़ाता ही है साथ में पाठकों को उत्कृष्ट सृजन की बारीकियों से भी अवगत कराता है।
इस अंक में चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं। 

Nitu Thakur










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
वाह !!बहुत खूब ।
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shakuntla shaku










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
बहुत ही सुंदर संकलन
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सुशील कुमार जोशी (SKJoshi)










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
बढ़िया
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sweta sinha










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
आदरणीय राकेश जी हमेशा की तरह सुंदर रचनाओं का गुलदस्ता तैयार किया है आपने , मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार आपका।
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Ravindra Singh Yadav via Google+










1 month ago  -  Shared publicly
 
 
वाह ! विविधता से परिपूर्ण सरस रचनाओं का सुन्दर संकलन मित्र -मंडली के ताज़ा अंक में। आदरणीय राही जी आपका प्रयास रचनाकारों को मनोबल तो बढ़ाता ही है साथ में पाठकों को उत्कृष्ट सृजन की बारीकियों से भी अवगत कराता है।
इस अंक में चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं। 
Digamber Naswa originally shared this
सुंदर संकलन
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साभार । धन्यवाद...

मित्र मंडली -46      

 इस सप्ताह ब्लॉग जगत/मित्र-मंडली  के पाँच नवोदित रचनाकार 

इन पाँच नवोदित रचनाकारों  को आपका आशीष, स्नेह, प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन दें और इनके ब्लॉग का अनुशरण करें। 

सनम अब मुस्कुराओ तुम 

नीतू ठाकुर   जी 

"आदत"

मीना भारद्वाज  जी 

वो पगली...!

अनु अन्न लागुरी  जी 

जीवा ---कहानी --


रेणु  बाला जी  

गीत "तुम्हें देखूं तुम्हें छू लूं"

राधा तिवारी  जी  

इस सप्ताह इनकी कोई नई रचना नहीं पोस्ट हुई है। 

प्रकाश साह जी


आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 11-12-2017  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....

मेरी दो प्रस्तुति  : 

1.संगति








2. एक छोटी सी प्रेम-कहानी


मित्र मंडली -45     

 इस सप्ताह के पाँच रचनाकार 

एक लड़की.......कथा काव्य

श्वेता सिन्हा जी 

दोहे "करता क्यों अभिमान"

राधा तिवारी  जी  

हम तरक्की के सौपान चढ़ते रहे ...

दिगम्बर नसवा  जी 

हाँ मनुष्य हूँ

पुरषोत्तम कुमार सिन्हा जी 

"पुनरावृत्ति" 

ध्रुव सिंह जी

आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 04-12-2017  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....

मेरी दो प्रस्तुति  : 

1. फोटोग्राफी : पक्षी 36 (Photography : Bird 36 )








2. फोटोग्राफी : पक्षी 37 (Photography : Bird 37 )




मित्र मंडली -44     

 इस सप्ताह के नौ  रचनाकार 

तुम कवि हो...पर मै.......!

अनु अन्न लागुरी  जी 

"कहते हैं ''जहाँ न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि'' परन्तु जब कोई किसी  वेदना और हर्ष को जीता है तो क्या कवि उस पीड़ा या सुख को कलमबंद कर सकता है कर भी लिया तो क्या उसकी रचना, पीड़ा या सुख भोगने वालों की बराबरी कर पाएगा, शायद नहीं। भोगने और कल्पना करने में आसमां और जमीं का अंतर है।  सुन्दर कविता एवं प्रस्तुति "

रूठे हैं अपने ही.....

दो दिन का इश्क़ 

श्वेता सिन्हा जी 

शहद है तू !

मीना शर्मा जी 

दोहे "नारी बहुत अनूप"

राधा तिवारी  जी  

ये कहानी भी सुनानी, है अभी तक गाँव में ...

दिगम्बर नसवा  जी 

"गाँव के साथ जुड़ी उसकी यादों को बखूबी पेश किया है इस सुन्दर ग़ज़ल में , मन केवल वाह !वाह !वाह ! कहना चाहता है ।  

माँ, बेटा और प्रश्न

पुरषोत्तम कुमार सिन्हा जी 

''अवशेष''

ध्रुव सिंह जी

धूर्त फ़िल्मकार

रवींद्र सिंह यादव जी 


"समसामयिक घटना से आहत मन, एक कविता के रूप में प्रस्तुत है। सुन्दर कविता एवं प्रस्तुति।  "

आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 27-11-2017  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....

मेरी दो प्रस्तुति  : 

1. शरद पूर्णिमा





2. हरिके वेटलैंड एवं वन्यजीव अभ्यारण्य (भाग-1)









मित्र मंडली -43     

आज तो पौ बारह हो गया, इस सप्ताह के बारह रचनाकार 

नग़मों का आना जाना है ! 

मीना शर्मा जी 

ज़िंदगी के गीत खुल के गाइए ...

दिगम्बर नसवा  जी 

अब नहीं लौटेगा आहत मन..



उपासना स्याग जी  

रूबरू

पुरषोत्तम कुमार सिन्हा जी 


"मां मैं तेरा बछड़ा हूँ"

राधा तिवारी  जी  

अष्टावक्र गीता - भाव पद्यानुवाद (पेंतालीसवीं कड़ी)

कैलाश शर्मा जी 

आरक्षण और बेरोजगारी.........

सुधा देवरानी जी  

"आज की ज्वलंत समस्या पर लिखी एक सुन्दर भावपूर्ण कविता। "

हर लम्हां गुजरता है

लोकेश नशीने जी 

जीवन की विडम्बनाएँ

अनन्या

विश्व मोहन जी

कविताएँ रची जाती..... 

श्वेता सिन्हा जी 

समाई हुई हैं इसी जिन्दगी में


आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 20-11-2017  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....

मेरी दो प्रस्तुति  : 

1. फोटोग्राफी : पक्षी 34 (Photography : Bird 34 )








2. फोटोग्राफी : पक्षी 35 (Photography : Bird 35 )






मित्र मंडली -42     

इस सप्ताह के एक पर एक, ग्यारह रचनाकार 



पुनः और पुनः ....



माँ अब समझी हूँ प्यार तुम्हारा-------- कविता ---------


रेणु  बाला जी  

"धन्य है माँ जो सभी तकलीफों के संताप को अपने संतान को देख कर ही भूल जाती है। सुन्दर भावनाओं का उद्दगार करती कविता। 


अंधेरा काटकर सूरज दिखाती कविता 



कविता  रावत जी 

शरद का स्वागत

श्वेता सिन्हा जी 

आदमी खोदता है आदमी में एक आदमी बोने के लिये एक आदमी

सुशील कुमार जोशी  जी 

गुज़रे थे मेरे दिन भी कुछ माँ की इबादत में ...

दिगम्बर नसवा  जी 

दीवाली बाज़ार

अमित अग्रवाल  जी


दर्द का तूफ़ान लेकर, धीमे धीमे दौड़िये 

सतीश सक्सेना जी

''सती की तरह''

ध्रुव सिंह जी

हार-जीत

पुरषोत्तम कुमार सिन्हा जी 



100 के आगे 100 के पीछे



रवींद्र सिंह यादव जी 



आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 13-11-2017  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....

मेरी दो प्रस्तुति  : 

1.  

फोटोग्राफी : पक्षी 32 (Photography : Bird 32 )






2. 

फोटोग्राफी : पक्षी 33 (Photography : Bird 33 )





मित्र मंडली -41     

इस सप्ताह के सात महिला रचनाकार 

आज से प्रारम्भ विश्व प्रसिद्ध छठ पूजा

कल सपने में ------------- नवगीत ---


रेणु  बाला जी  

"जीवन में एक ऐसा पड़ाव आता है जब दो युगल प्रेमी के बीच आत्मिक प्रेम उत्पन्न हो जाता है कोई शिकवा शिकायत नहीं रहती केवल प्यार ही प्यार होता है और जीवन के उसी पल को बहुत ही रूमानी अंदाज में प्रस्तुत है यह सुन्दर कविता है । 



उपासना स्याग जी  

"कस्तूरी मृग सी स्त्री सुवासित करती है जहाँ वह रहती है और आनंदित होते रहते हैं केवल पुरुष स्त्री की सानिध्य पाकर, परन्तु स्त्री ताउम्र तलाशती रहती है अपनी वजूद उन्मुक्त जीवन जीने के लिए। सुन्दर प्रस्तुति । " 

“मानवता और मजहब”


रिंकी राउत  जी 


आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 06-11-2017  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....

मेरी दो प्रस्तुति  : 

1.  फोटोग्राफी : पक्षी 30 (Photography : Bird 30 )



2. फोटोग्राफी : पक्षी 31 (Photography : Bird 31 )







मित्र मंडली -40     

इस सप्ताह के सात रचनाकार 

धन तेरस

रवींद्र सिंह यादव जी 


खामोशियाँ गुल खिलाती हैं !

मीना शर्मा जी 

"खामोशियाँ  अक्सर गुल खिलाती , कभी गम के कभी, कोमल एहसासों के तो कभी बेबसी के। बहुत ही सुन्दर रचना। " 

"शहीदों को नमन करती सुन्दर हाइकु। सुन्दर प्रस्तुति। "

आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 30-10-2017  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....

मेरी दो प्रस्तुति  : 

1.  भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्य एवं अधिकार को जाने  


2. 

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