मेम्बर बने :-

Friday, November 17, 2017

हरिके वेटलैंड एवं वन्यजीव अभ्यारण्य (भाग-1)



हरिके वेटलैंड एवं वन्यजीव अभ्यारण्य (भाग-1)

मुख्य पर्यटन स्थल  के भ्रमण हेतु जब कोई पर्यटक कार्यक्रम बनाता है तो उसकी कोशिश रहती है कि आस-पास के क्षेत्रों का भी अवलोकन कर लिया जाए, परन्तु कभी-कभी मुख्य क्षेत्र के अवलोकन के साथ अन्य क्षेत्र के अवलोकन  करने का मौसम नहीं भी रहता है फिर भी उसके मन में होता है कि जब यहाँ तक आ ही गए है तो वहाँ एक बार जा कर देखने में हर्ज क्या है ? और जब वहाँ जाता है तो कुछ खास नहीं देख पाने के अफ़सोस के साथ दुबारा उस स्थल पर आने का अपने आप को वचन देता है जो संभवतः उस स्थल पर आना कभी संभव नहीं हो पाता है।

ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ परन्तु जिस स्थल को हम देखने गए उसका मौसम नहीं था परन्तु संतोष की बात यह थी कि यह स्थल मेरे निवास स्थान से मात्र 32  कि.मी. की दूरी पर है इस लिए इस पोस्ट का शीर्षक भाग- 1 के नाम से इस उम्मीद से प्रकाशित कर रहा हूँ कि उपयुक्त मौसम में यहाँ आ कर आपके लिए  इस शीर्षक का भाग- 2 भविष्य में प्रस्तुत करूँगा।

मैं 5 अक्टूबर 2017 राजपत्रित अवकाश एवं शरद ऋतू के प्रारंभ होने के कारण मैंने "हरिके वेटलैंड एवं वन्यजीव अभ्यारण्य" जाने का निश्चय किया और निकल पड़े सुबह नास्ता करके हरिके पत्तन के लिए। मैं यहाँ एक बात का ज़िक्र करना चाहूँगा कि वेटलैंड या वन्यजीव अभ्यारण्य के बारे में स्थानीय लोगों को बहुत ही कम जानकारी होती है। इसलिए गूगल बाबा की सहायता ली और पता चला कि यहाँ घूमने का उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च है।

तो आइए ! आप को ले चलते है "हरिके वेटलैंड एवं वन्यजीव अभ्यारण्य" जो पंजाब के फिरोजपुर ज़िले के अधीन है। यह स्थल जालंधर से 43.5  कि.मी., अमृतसर से 84  कि.मी. एवं फ़िरोज़पुर से 84 कि.मी.की दूरी पर स्थित है। सबसे नज़दीक रेलवे स्टेशन  मक्खू है। मक्खू रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से यह स्थल 10 कि.मी. उत्तर में स्थित है।  

8600 हेक्टेयर के विस्तारित क्षेत्र में फैले इस हरिके वेटलैंड को पक्षी अभयारण्य 1982 ई. में घोषित किया गया। यहाँ सर्दी के मौसम में पक्षियों की 200 प्रजातियां पायी जाती हैं। 

जब मैं जब हरिके पत्तन पहुँचा तो मेरा स्वागत सतलुज नदी के ऊपर बने पुल, हरिके बाँध  एवं इंदिरा गांधी नहर ने किया। मैं वहाँ के दृश्य को अपलक देख रहा था। इंदिरा गांधी नहर दक्षिण-पश्चिम में लगभग 640 किमी लंबी है।  राजस्थान के चुरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर और नागौर जैसे रेगिस्तानी जिलों के निवासियों को इस परियोजना से पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं। प्रकृति एवं मानव निर्मित चमत्कार को एक साथ देख मैं मुग्ध हो रहा था। व्यास नदी यहाँ आकर सतलुज नदी में मिल जाती है। मुझे ये तो पता था कि "हरिके वेटलैंड एवं वन्यजीव अभ्यारण्य" यहीं कहीं आस-पास होना चाहिए था। अतः मैं बराज को पार कर सामने गुरुद्वारा ईशरधाम नानकसर, हरिके में प्रवेश किया। वहाँ का परिदृश्य विहंगम एवं मनोरम था। वहाँ के स्थानीय लोगों को भी पक्षी अभयारण्य के बारे में पता नहीं था तो मैंने गुरुद्वारा के जत्थेदार जी से पूछा तो उन्होंने बताया कि पुल पार कर लगभग एक किलोमीटर की दुरी पर है।  हमलोग वहाँ पहुँचे तो वह वन विभाग का दफ्तर था। वहाँ "पक्षी अभयारण्य" के लिए परमिट मिलता है। वहाँ पता चला कि "गुरुद्वारा ईशरधाम नानकसर" के साथ वाला रास्ता ही "पक्षी अभयारण्य" को जाता है और अभी वहाँ पक्षी देखने को नहीं मिलेगा। अथार्त गूगल बाबा ने यहाँ धोखा दे दिया। उपयुक्त समय मध्य नवम्बर से फरवरी हैं।

हमलोग परमिट लेकर "पक्षी अभयारण्य" का भ्रमण किया। जो दिखा उसकी कुछ तस्वीरें आप भी देखें। 


हरिके बाँध 

 इंदिरा गांधी नहर



गुरुद्वारा ईशरधाम नानकसर


गुरुद्वारा ईशरधाम नानकसर का परिदृश्य 

गुरुद्वारा ईशरधाम, नानकसर का हॉल का प्रवेश द्वार  

पक्षी अभयारण्य के पास धान काट कर दाने को ट्रैक्टर में भरता मशीन  
पक्षी अभयारण्य की पगडंडियां 



पक्षी अभयारण्य में उड़ाते तोतों का झुण्ड 
पक्षी अभयारण्य का व्यू पॉइंट 


पक्षी अभयारण्य में शाह बाज़

पक्षी अभयारण्य में बन्दर महोदय 

पक्षी अभयारण्य में पानी के शैवाल निकालने की मशीन  




इस पोस्ट के भाग- 2  पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें। 
-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"



8 comments:

  1. Harike wetland is Beautiful wetland in Punjab State.
    Current GK
    Very Knowledgeable , Keep writing..

    ReplyDelete

मेरे पोस्ट के प्रति आपकी राय मेरे लिए अनमोल है, टिप्पणी अवश्य करें!- आपका राकेश श्रीवास्तव 'राही'