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Friday, December 15, 2017

इज़हार-ए-मोहब्बत











इज़हार-ए-मोहब्बत

मुझे नहीं लेना-देना है, किसी से,
मेरा जीना-मरना, तेरे ही दम से,
तुम मेरी जान हो, मेरा ईमाँ हो,   
सच कहता हूँ मैं, तुम को ये कसम से। 

शुक्र है तेरा-मेरा संग हुआ है,
मैंने तेरा साथ पाया मुश्किल से,
तेरी नवाज़िश और तेरा करम है,
मैं ये कर्ज चुकाऊँगा किस तरह से।  

मेरे सपनों की रानी बन गई हो,
तुझको ही मैंने माँगा है ख़ुदा से,
तुम्हीं मेरी मंजिल, तुम ही ख़ुदा हो,
तुझको पा लूँगा, अपनी ही वफ़ा से। 

मैंने जो कहना था वो कह दिया है,
अब तुम भी तो बोलो अपनी जुबाँ से।
   
तुम मेरे प्रीतम, मेरे दिलदार हो,
तुम्हें अपनाती हूँ आज, मैं दिल से। 

-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

इस गीत को निचे दिए गए लिंक को क्लिक कर सुन सकते हैं।




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