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Friday, February 2, 2018

हाइकू - बसंत



हाइकू - बसंत 

बादल छटें,
निकला है सूरज,
ठंड भी गई। 

गर्म कपड़े,
रजाई व कंबल,
दुबके पड़े। 

खिलते फूल,
बागों में तितलियाँ,
आया बसंत। 


मिली औरतें,
बाँटती सुख-दुःख
फैली खुशियाँ। 



हाइकु - बसंतोपरांत 

खेल है बंद,
छात्र करें पढ़ाई,
परीक्षा आई। 


परीक्षाफल,
पास-फेल का खेल,
पप्पू परेशां। 

गया बसंत
आया है आयकर
पापा परेशां। 
-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

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